5 EASY FACTS ABOUT रंगीला बाबा का खेल DESCRIBED

5 Easy Facts About रंगीला बाबा का खेल Described

5 Easy Facts About रंगीला बाबा का खेल Described

Blog Article

मोहन यादव का अनुष्ठान, बाबा महाकाल के नगर में मां काली से मांग लिया वरदान

राम मनोहर लोहिया से महात्मा गांधी ने जब सिगरेट छोड़ने के लिए कहा

‘उसका कॉल आया था…’, जिम मालिक हत्याकांड में गिरफ्तार गैंगस्टर हाशिम बाबा का बड़ा खुलासा, सुनकर रंगीला बाबा का खेल चौंकी पुलिस

मरक़ए दिल्ली में कहा गया है, "सदा रंग जैसे ही अपने नाख़ून से साज़ के तार छेड़ता है दिलों से बेख़्तियार होकर निकलती है और जैसे ही उस के गले से आवाज़ निकलती है, लगता है बदन से जान निकल गई."

जटायु की मृत्यु नाटिका में करुण रस का उच्चतम बिंदु

बॉलीवुडओटीटीटेलीविजनतमिल सिनेमाभोजपुरी सिनेमामूवी रिव्यूरीजनल सिनेमा

ग़रीबों में शरबत, पान और खाना बांटा जा रहा है. फ़कीरों को झोली भर-भर कर रुपए दिए जा रहे हैं.

स्वायत्तता नहीं आर्थिक विकास पहली प्राथमिकता होनी चाहिए जम्मू-कश्मीर के बेहतर भविष्य के लिए

गिरावट के बावजूद अब भी काबुल से लेकर बंगाल तक मुग़ल शहंशाह का सिक्का चलता था और उसकी राजधानी दिल्ली उस समय दुनिया का सबसे बड़ा शहर था जिसकी बीस लाख नफ़ूस पर शामिल आबादी लंदन और पेरिस की संयुक्त आबादी से ज़्यादा थी, और उसका शुमार दुनिया के अमीर तरीन शहरों में किया जाता था.

हथियार, तीर-कमान, तलवार के साथ प्रयोग किए हैं. राजकुमार शर्मा बताते हैं कि अब तो नई-नई टेक्निक आ गई हैं फिर भी हमने नाटिका में कई जगहों पर परंपरा को कायम रखा है. बेशक पर्दे की जगह अब एलईडी स्क्रीन ने ले ली है, लेकिन फिर भी दृष्य बदलने के लिए हम घुमावदार बड़े-बड़े पल्लों का प्रयोग करते हैं, जिनमें चित्रकारों ने अपनी जादुई कूचियों से रंग भरे हैं.

उसका रुख आधा मील दूर चांदनी चौक में मौजूद रोशनउद्दौला मस्जिद की ओर था. मस्जिद के बुलंद सहन में खड़े हो कर उसने तलवार म्यान से निकाल ली."

दरअसल, कहने का बाबा, जिसके भक्तों का एक ही मूल मंत्र था कि पूरे देश दुनिया नहीं... बल्कि पूरे ब्रह्मांड में बाबा नारायण साकार हरि की जय जयकार हो. लेकिन बाबा सूरज पाल जाटव ने इन्हीं भक्तों के भरोसे करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर दिया. वो भी इतनी शातिर तरीके से कभी सरकार या प्रशासन की निगाहों में आए तो कानूनी लिहाज से उसका बाल बांका नहीं हो पाए. भक्तों की आस्था और विश्वास के बूते बाबा सूरज पाल ने अपना धंधा फैला रखा था.

क्या आप इस समूह गान का हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे?

जो अब तक हर दृष्य पर ताली बजाकर उस प्रस्तुति की महिमा का बखान कर रहे थे, वन गमन देखकर उनकी बुद्धि कुंद पड़ गई. वह क्या कहें और क्या करें कि स्थिति में चले गए. जैसे कि मंच पर नृत्य थम सा गया और सिर्फ करुण रस भरा राग शेष रहा, दर्शक भी रुक से गए.

Report this page